Monday, July 27, 2009

मैं कौन हूँ, मैं क्या हूँ मुझको नहीं पता, मैं एक इंसान हूँ खुदा नहीं, इतना है मुझको पता !!!

मैं कौन हूँ, मैं क्या हूँ मुझको नहीं पता,
मैं एक इंसान हूँ  खुदा नहीं, इतना है मुझको पता !!!

इस संसार को देखना चाहता हूँ,
इस संसार का दर्द अपनाना चाहता हूँ,
इस संसार को खुशियाँ देना चाहता हूँ,
इस संसार को प्रेम से सजाना चाहता हूँ !!!

मैं कौन हूँ, मैं क्या हूँ मुझको नहीं पता,
मैं एक इंसान हूँ  खुदा नहीं, इतना है मुझको पता !!!

दोस्ती क्या होती है यह बतलाना चाहता हूँ,
जज़्बात क्या होते हैं ये बताना चाहता हूँ,
इंसानियत ही एक धर्म है यह बताना चाहता हूँ,
इस संसार को एकता कि डोर से बांधना चाहता हूँ !!!

मैं कौन हूँ, मैं क्या हूँ मुझको नहीं पता,
मैं एक इंसान हूँ  खुदा नहीं, इतना है मुझको पता !!!

इस संसार को एक परिवार के रूप में देखता चाहता हूँ,
जहाँ कोई अमीर गरीब नहीं, बस एक इंसान को देखना चाहता हूँ,
जहाँ कोई हिंदू कोई ईसाई नहीं, बस सब एक इंसान हो,
हर इंसान में दूसरे इंसान के दर्द को देखना चाहता हूँ !!!

मैं कौन हूँ, मैं क्या हूँ मुझको नहीं पता,
मैं एक इंसान हूँ  खुदा नहीं, इतना है मुझको पता !!!

2 comments:

Neha said...

Its Nice... keep it up... would like to see more stuff. :D

Unknown said...

gud one...bro..i didnt know dat u have such qualities also.